The 2-Minute Rule for motivational stories in Hindi
The 2-Minute Rule for motivational stories in Hindi
Blog Article
अकबर बीरबल की कहानियाँ
" मंत्री मुस्कराए और बोले - "राजन् ! यदि आपने मुझे भिन्न राह पर न भेजा होता और मैं आपके साथ होता तो अंग भंग के कारण नरभक्षी आपकी बलि न देते, पर मेरी बलि चढ़नी सुनिश्चित थी। इसलिए भगवान जो करते हैं, अच्छा ही करते हैं।" साभार
वह व्यक्ति नाटक देखने के लिए वहीँ बैठ गया व देखते ही देखते वह राजमहल जाकर धन लाने की बात को भूल गया। जब नाटक समाप्त हुआ तब उसे धन वाली बात याद आयी और वह दौड़ते भागते राजमहल के पास पंहुचा अफसोस दिया हुआ समय निकल चूका था सूर्य अस्त हो चुकी थी।
जहाँ गाँधी जी रहते थे वही उनके पड़ोस में एक सफाईकर्मी भी रहता था.
जब गाँधी को इस बात का पता चला तो उन्हें आनंद जी की यह बात बहुत बुरी लगी.
धोखे से आपको कुछ नहीं मिलेगा। यदि आप धोखा देते हैं, तो आप इसके लिए जल्द ही भुगतान करेंगे।
Get pleasure from the massive assortment of Hindi Story on Pretty much any matter for college kids of all courses and Grownups.
“At forty two many years aged, with two daughters pretty much to complete faculty, I Give up my 6-figure-income career Doing work in a harmful setting and escaped into a cabin by a river. One parenting, a Awful ex-husband, along with a misogynist manager zapped my psychological well-remaining to in close proximity to zero. In 2009, with my Children now grown, I came on the conclusion that everyday living was not meant being so tricky, and definitely there was another way. I used to be planning to rebuild my click here everyday living from scratch, even if it intended dropping every thing in the procedure. I rented a cabin from the wilderness and sat by a river for nine months, living off my price savings. I hiked, kayaked, read through, wrote and unpacked my thoughts. It had been restorative. Following nine months, I discovered a work during the recreation market.
ठीक उसी तरह सफल होने के लिए मोह का त्याग करना आवश्यक होता है चाहे वह मोह आपके घर परिवार दोस्त यार आदि का हो चाहे आपके कम्फर्ट जोन का – आखिर में : रोज एक कदम सफलता की ओर।
एक समय की बात है, गुरूजी अपने शिष्यों को ज्ञान की बातें बता रहे थे, और उनकी समस्याओं और प्रश्नो का जवाब (हल) भी दे रहें थे। जब लगा की शिष्यों की शिक्षा पूरी हो गयी तब गुरूजी ने सभी शिष्यों से कहां – शिष्यों अगर आप के मन में अभी भी कोई शंका या प्रश्न हो तो मुझसे पूछ सकते हो।
'अरे भाई, यह भी बहुत कीमती हैं। मुझ जैसे गरीब के लिए कम मूल्य की साड़ियाँ दिखलाइए, जिन्हें मैं खरीद सकूँ।' शास्त्रीजी बोले।
इसलिए छूआछूत का विरोध करे और इसे अपने जीवन से जड़ से उखाड़ फेंके.
पंचतंत्र की कहानी: एक और एक ग्यारह – ek aur ek gyarah
यह सुनकर हंस बेचारा हैरान था वह रोने, बिलखने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया है, उसके साथ अन्याय हुआ है। उल्लू ने मेरी पत्नी लेली ऐसा कहते हुए रोते बिलखते वह वहां से जाने लगा।